जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में सुरक्षा को लेकर उच्च स्तर पर चिंतन और कार्रवाई जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली लौटने के तुरंत बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। पीएम इस बैठक के लिए सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर लौटे। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करना और आगे की रणनीति तय करना था।
बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण हमले में निर्दोष लोगों की जान गई, जिससे सरकार बेहद दुखी है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हैं। हम सिर्फ हमले को अंजाम देने वालों तक नहीं रुकेंगे, बल्कि पर्दे के पीछे बैठे साजिशकर्ताओं को भी पकड़ेंगे। जल्द ही उन्हें करारा जवाब मिलेगा।” राजनाथ सिंह ने इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ अलग से बैठक कर क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।
इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसके बाद वे अनंतनाग जिले के बैसरन घास के मैदान पहुंचे, जहां मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था। शाह ने हमले के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय का आश्वासन दिया। हमले की जांच में मदद के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम भी मौके पर पहुंची और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी है। इस बीच, सुरक्षा बलों ने आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह सभी कदम देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं। -(With Input ANI)